केऔसुब 1969 में तीन बटालियनों के साथ अल्प कार्मिक संख्या से अपनी शुरूआत करके अस्तित्व में आया ताकि उन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान की जा सके जो उपक्रम उन वर्षों में अर्थव्यवस्था के चरम शिखर पर थे। चार दशकों की अवधि में बल में कई गुणा वृद्धि कर ली है और आज कार्मिकों की संख्या एक लाख इकतालिस हजार सात सौ पैंतीस तक पहुंच गई है। अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण तथा उदारीकरण से केऔसुब अब पीएसयू केंन्द्रित संगठन नहीं रहा बल्कि यह देश की प्रमुख बहु कौशल युक्त सुरक्षा एजेंसी बन गई है जिसे देश के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थिम प्रमुख महत्वपूर्ण अवसंरचना संस्थाओं को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है। केऔसुब इस समय नाभिकीय संस्थओं, अंतरिक्ष संस्थानों, हवाई अड्डों, समुद्री पत्तनों, बिजली संयंत्रों, संवेदनशील सरकारी भवनों तथा विरासत स्मारकों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के साथ केऔसुब को दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन, अति महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) सुरक्षा, आपदा प्रबंधन तथा हैती में संयुक्त राष्ट्र की सशस्त्र पुलिस इकाई (एफपीयू) की सुरक्षा करने जैसे कार्य भी हाल ही में इसे सौंपे गए हैं।
दशकों से बल द्वारा प्राप्त व्यावसायिक सक्षमता तथा स्थायित्व का स्तर इस बात से सिद्ध हो जाता है कि निजी क्षेत्र द्वारा भी परामर्श के लिए इसकी सेवाओं की मांग की जा रही है। इन वर्षों में केऔसुब ने प्राईवेट सेक्टर सहित 140 से भी अधिक अलग-अलग संगठनों को परामर्शी सेवाएं प्रदान की है। नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के बाद से बल के कार्य आदेश में और विस्तार हो गया है ताकि निजी क्षेत्र को भी सीधे सुरक्षा प्रदान की जा सके। केऔसुब अधिनियम को संशोधित किया गया है जिससे बल के गौरवपूर्ण इतिहास में एक नया आयाम जुड़ गया है।
अनुकूलनशीलता तथा उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग बल के प्रमाणक रहे हैं। इनकी वजह से बल ने नई सुरक्षा चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। देश में मौजूदा सुरक्षा वातावरण तथा देश के बाहर से आतंकी धमकियों को देखते हुए बल प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण तथा कौशल उन्नयन के प्रति लगातार प्रयास कर रहा है ताकि राष्ट्र के लिए समर्पित सेवा का उन्नत रूप तैयार किया जा सके। अपने प्रभावशाली सतत् रिकार्ड से उच्च व्यावसायिक मानक स्थापिक करके बल गर्व तथा विश्वसास के साथ उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है।
महानिदेशक